मनोविज्ञान हैण्डबुक : शिक्षा मनोविज्ञान की शार्ट नोट्स : Educational Psychology Short Notes
शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) :"मनोविज्ञान सीखने से सम्बंधित मानव विकास के 'कैसे सीखा जाए' की व्याख्या करती है, शिक्षा सीखने के 'क्या सिखा जाए' को प्रदान करने की चेष्टा करती है।"
-क्रो व क्रो
मनोविज्ञान मानव व्यवहार का अध्ययन करता है और शिक्षा मानव व्यवहार में परिवर्तन करती है, अतः शिक्षा और मनोविज्ञान में गहन सम्बन्ध है।
शिक्षा क्या है?
शिक्षा शब्द संस्कृत के 'शिक्ष्' धातु से बना है, जिसका अर्थ है :
सीखना अंग्रेजी शब्द एजुकेशन (Education) लैटिन भाषा के एडुकेयर (Educare) एवं एडुसीयर (Educere) से बना है, जिसका अर्थ है 'नेतृत्व देना, बाहर लाना'
TRICK : MEL (Motivation & Education both are origin from Latin word)
भारतीय मनीषियों ने 'सा विद्या या विमुक्तये' कहकर शिक्षा को मुक्ति का साधन माना है। गाँधीजी ने शिक्षा सर्वांगीण विकास (आत्मा, शरीर और मस्तिष्क के विकास) की प्रक्रिया माना है।
शिक्षा बालक में अन्तर्निहित शक्तियों को उभारकर उन्हें पूर्ण विकसित करती है।
शिक्षा का अर्थ :
(A). संकुचित सन्दर्भ में (प्राचीन दृष्टिकोण) :
1. 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध (1879) तक
2. औपचारिक शिक्षा (किताबी ज्ञान)
3. शिक्षा विद्यालय तक सीमित
4. ज्ञानात्मक पक्ष पर बल
5. सैद्धान्तिक पक्ष पर बल
(B). व्यापक सन्दर्भ में (नवीन दृष्टिकोण) :
1. 1879 से अब तक (20वीं सदी)
2. अनौपचारिक शिक्षा
3. शिक्षा जीवन पर्यन्त
4. सर्वांगीण विकास पर बल
5. व्यावहारिक पक्ष पर बल
मनोविज्ञान क्या है?
मनोविज्ञान के अंग्रेजी पर्याय साइकोलॉजी (Psychology) शब्द की उत्पत्ति यूनानी (ग्रीक) भाषा केसाइकी (Psyche) और लोगस (Logos) से हुई है।साइकी का अर्थ है 'आत्मा' और लोगस का अर्थ है 'अध्ययन'। अतः मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है 'आत्मा का अध्ययन'।
अमरीकी विद्वान विलियम जेम्स (1842-1910) ने मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र के शिकंजे से मुक्त कर एक स्वतंत्र विद्या का रूप दिया। इसलिए इन्हे मनोविज्ञान का जनकमाना जाता है।
मनोविज्ञान की उत्पत्ति दर्शनशास्त्र के अंग के रूप में हुई। कालान्तर में मनोविज्ञान के अर्थ में परिवर्तन होता गया। जो इस प्रकार है :
1. आत्मा का विज्ञान : अरस्तू, प्लेटो, अरिस्टोटल औरडेकोर्टे आदि यूनानी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना, किन्तु आत्मा की प्रकृति की अस्पष्टता के कारण 16वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का यह अर्थ अस्वीकृत कर दिया गया।
TRICK-"आत्मा से आप यू अड़े"
1. आत्मा से-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना
2. आ-अरस्तू (दार्शनिक)
3. प-प्लेटो (दार्शनिक)
4. यू-यूनानी दार्शनिक थे सभी
5. अ-अरिस्टोटल (दार्शनिक)
6. डे-डेकार्टे (दार्शनिक)
2. मस्तिष्क का विज्ञान : 17वीं शताब्दी में दर्शनीको ने मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का विज्ञान कहा। इनमे इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक पॉम्पोनॉजी के अलावा लॉक और बर्कली भी प्रमुख है। कोई भी विद्वान मन की प्रकृति तथा स्वरुप का निर्धारण नही कर सका, अतः यह परिभाषा भी मान्यता नही पा सकी।
TRICK-"पलक की बाई मस्ति में"
1. प-पॉम्पोनॉजी (दार्शनिक)
2. लक-लॉक (दार्शनिक)
की-silent
3. बा-बर्कली (दार्शनिक)
4. इटली-यह इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक थे
5. मस्ति-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को मस्तिष्क का विज्ञान माना
3. चेतना का विज्ञान : 19वीं शताब्दी के मनोविज्ञानकोंविलियम वुन्ट, विलियम जेम्स, वाइव्स और जेम्स सल्लीआदि ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना। इनका मानना था, कि मनोविज्ञान मनुष्य की चेतन क्रियाओ का अध्ययन करता है।
मनोविज्ञान केवल चेतन मन का ही नही, बल्कि अचेतन और अवचेतन आदि प्रक्रियाओ का अध्ययन भी करता है। मनोविज्ञान का यह अर्थ सीमित होने के कारण सर्वमान्य न हो सका। मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक 'आउटलाइन साइकोलॉजी' में चेतना शब्द की कड़ी आलोचना की।
TRICK-"चेतना को विलियम ने सजवाइ"
1. चेतना-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना
को-silent
2. विलियम-विलियम वुन्ट
ने-silent
3. स-सल्ली अर्थात जेम्स सल्ली (दार्शनिक)
4. ज-जेम्स अर्थात विलियम जेम्स (दार्शनिक)
5. वाइ-वाइव्स (दार्शनिक)
4. व्यवहार का विज्ञान : 20वीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में मनोविज्ञान के अनेक अर्थ सुझाए गए, इनमे से "मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है।" अर्थ सर्वाधिक मान्य रहा। इस सम्बन्ध में कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित है :
1. वाटसन : मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित विज्ञान है।
2. वुडवर्थ : मनोविज्ञान वातावरण के सम्बन्ध में व्यक्ति की क्रियाओ का वैज्ञानिक अध्ययन है।
3. स्किनर : मनोविज्ञान, जीवन की सभी प्रकार की परिस्थितियों में प्राणी की प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। or
मनोविज्ञान, व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है।
4. मन : आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है।
5. क्रो व क्रो : मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव सम्बन्धो का अध्ययन है।
6. मैक्डूगल : मनोविज्ञान जीवित वस्तुओ के व्यवहार का विधायक विज्ञान है।
उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर हम वुडवर्थ के शब्दों में इस निष्कर्ष पर पहुँचते है :
"सबसे पहले मनोविज्ञान ने अपनी आत्मा का त्याग किया। फिर उसने अपने मन या मस्तिष्क का त्याग किया। उसके बाद उसने चेतना का त्याग किया। अब वह व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है।"
TRICK-सिवम (शिवम) व्यवहार में वुड (लकड़ी/wood सा कठौर) के जैसा"
1. सि-स्किनर (दार्शनिक)
2. व-वाटसन (दार्शनिक)
3. म-मन (दार्शनिक)
4. व्यवहार-इन सभी ने मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान माना
5. में-मैक्डूगल (दार्शनिक)
6. वुड-वुडवर्थ (दार्शनिक)
7. के-क्रो व क्रो (दार्शनिक)
जैसा-silent
शिक्षा मनोविज्ञान भाग-II
शिक्षा मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है :
शिक्षा सम्बन्धी मनोविज्ञान अर्थात यह शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान है। शिक्षा मनोविज्ञान के अर्थ का विश्लेषण करने के लिए स्किनर ने निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किए है :
1. शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र मानव व्यवहार है।
2. शिक्षा मनोविज्ञान खोज और निरिक्षण से प्राप्त तथ्यों का संग्रह करता है।
3. शिक्षा मनोविज्ञान संगृहीत ज्ञान को सिद्धान्त रूप देता है।
4. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की समस्याओ के समाधान के लिए पद्धतियों का प्रतिपादन करता है।
शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएँ :
1. स्किनर : शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है।
2. क्रो व क्रो : शिक्षा मनोविज्ञान, व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सिखाने के अनुभवों का वर्णन और व्याख्या करता है।
3. कॉलसनिक : शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों और अनुसन्धान का शिक्षा में प्रयोग है।
4. स्टीफन : शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक विकास का क्रमिक अध्ययन है।
5. सॉरे व टेलफ़ोर्ड : शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सिखने से है। यह मनोविज्ञान का वह अंग है, जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओ की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से सम्बन्धित है।
उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है, की :
1. शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है।
2. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को अधिक सरल व सुगम बनाता है।
3. शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक है, क्योंकि इसके अध्ययन में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग होता है।
4. शिक्षा मनोविज्ञान में मनोविज्ञान के सिद्धांतो व विधियों का प्रयोग होता है।
शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्य :
स्किनर ने शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्यों को दो भागो में विभाजित किया है-
1. सामान्य उद्देश्य :
(i). सिद्धांतो की खोज तथा तथ्यों का संग्रह करना।
(ii). बालक के व्यक्तित्व का विकास करना ।
Krish Krishशिक्षा मनोविज्ञान की संपूर्ण तैयारी एक ही पोस्ट मे
1)मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स
2)आधुनिक मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स
3)प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम जेम्स
4)आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा= विलियम जेम्स
5)शिक्षा मनोविज्ञान के जनक= थार्नडाइक
6)प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत= थार्नडाइक
7)प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत= थार्नडाइक
8)संयोजनवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक
9)उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत= थार्नडाइक
10) S-R थ्योरी के जन्मदाता= थार्नडाइक
11)अधिगम का बन्ध सिद्धांत= थार्नडाइक
12) संबंधवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक
13) प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत= थार्नडाइक
14)बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत= थार्नडाइक
15)बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= बिने एवं साइमन
16) बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता= बिने
17) एक खंड बुद्धि का सिद्धांत= बिने
18) दो खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन
19) तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन
20)सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक= स्पीयरमैन
21) बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत= स्पीयरमैन
22) त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत= गिलफोर्ड
23)बुद्धि संरचना का सिद्धांत= गिलफोर्ड
24) समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत= थर्स्टन
25) युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन
26) क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन
27) समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन व चेव
28)न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत= थॉमसन
29) पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत= बर्ट एवं वर्नन
30) तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत= आर. बी. केटल
31) प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आर. बी. केटल
32) बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत= हैब
33) बुद्धि इकाई का सिद्धांत= स्टर्न एवं जॉनसन
34)बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक= विलियम स्टर्न
35) संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम वुण्ट
36) प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक= विलियम वुण्ट
37) विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक= जीन पियाजे
38)संज्ञानात्मकविकास का सिद्धांत= जीन पियाजे
39) मूलप्रवृत्तियोंके सिद्धांत के जन्मदाता= विलियम मैक्डूगल
40)हार्मिक का सिध्दान्त= विलियम मैक्डूगल
41) मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान= पोंपोलॉजी
42) क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर
43)सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर
44) अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव
45) संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव
46) शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव
47)प्रतिस्थापक का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव
48) प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत= सी. एल. हल
49) व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत= सी. एल. हल
50)सबलीकरण का सिद्धांत= सी. एल. हल
51) संपोषक का सिद्धांत= सी. एल. हल
52) चालक /अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत= सी. एल. हल53) अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त= कोहलर
54) सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का
55)गेस्टाल्टवादसम्प्रदाय के जनक= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का
56) क्षेत्रीय सिद्धांत= लेविन
57) तलरूप का सिद्धांत= लेविन
58) समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक= लेविन
59)सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत= गुथरी
60) साईन(चिह्न) का सिद्धांत= टॉलमैन
61> सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक= टॉलमैन
62> अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक= डेविड आसुबेल
63> भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक= व्हार्फ
64> मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक= जोहन बी. वाटसन
65> अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक= क्लार्क
66> सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक= अल्बर्ट बाण्डूरा
67> पुनरावृत्ति का सिद्धांत= स्टेनले हॉल
68> अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक= गेने
69> विकास के सामाजिक प्रवर्तक= एरिक्सन
70> प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत= जान ड्यूवी
71> अधिगम मनोविज्ञान का जनक= एविग हास
72> अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक= जेरोम ब्रूनर
73> संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत= जेरोम ब्रूनर
74> सामान्यीकरण का सिद्धांत= सी. एच. जड
75> शक्ति मनोविज्ञान का जनक= वॉल्फ
76> अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत= बगले
77> भाषा विकास का सिद्धांत= चोमस्की
78> माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो)
79> स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो)
80> आत्मज्ञान का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो)
81> उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत= डेविड सी.मेक्लिएंड
82> प्रोत्साहन का सिद्धांत= बोल्स व काफमैन
83> शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आलपोर्ट
84> व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत= हेनरी मुरे
85> कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मोर्गन व मुरे
1.Psychology शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया
– रुडोल्फ गॉलकाय द्वारा 1590 में
2. Psychology की प्रथम पुस्तक Psychologia
लिखी - रुडोल्फ गॉलकाय ने
3. Psychology शब्द की उत्पत्ति हुई है – Psyche
+Logos यूनानी भाषा के दो शब्दों से
4. विश्व की प्रथम Psychology Lab – 1879 में
विलियम वुंट द्वारा जर्मनी में स्थापित
5. विश्व का प्रथम बुद्धि परीक्षण – 1905 में बिने
व साइमन द्वारा
* भारत का प्रथम बुद्धि परीक्षण – 1922 में सी.
एच. राईस द्वारा
6. आधुनिक मनोविज्ञान का जनक – विलियम
जेम्स
7. आधुनिक मनोविज्ञान के प्रथम
मनोवैज्ञानिक – डेकार्टे
8. किन्डरगार्टन विधि के प्रतिपादक – फ्रोबेल
9. डाल्टन विधि के प्रतिपादक – मिस हेलेन
पार्कहर्स्ट
10. मांटेसरी विधि के प्रतिपादक – मैडम
मारिया मांटेसरी
11. संज्ञानात्मक आन्दोलन के जनक – अल्बर्ट
बांडूरा
12. मनोविज्ञान के विभिन्न सिद्धांत/संप्रदाय
और उनके जनक –
गेस्टाल्टवाद (1912) – कोहलर, कोफ्का,
वर्दीमर व लेविन
संरचनावाद (1879)– विलियम वुंट
व्यवहारवाद (1912) – जे. बी. वाटसन
मनोविश्लेशणवाद (1900) – सिगमंड फ्रायड
विकासात्मक/संज्ञानात्मक – जीन पियाजे
संरचनात्मक अधिगम की अवधारणा – जेरोम
ब्रूनर
सामाजिक अधिगम सिद्धांत (1986) – अल्बर्ट
बांडूरा
संबंधवाद (1913) – थार्नडाईक
अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत (1904) –
पावलव
क्रियाप्रसूत अनुबंधन सिद्धांत (1938) –
स्किनर
प्रबलन/पुनर्बलन सिद्धांत (1915) – हल
अन्तर्दृष्टि/सूझ सिद्धांत (1912) - कोहलर
13. व्यक्तितत्व मापन की प्रमुख प्रक्षेपी
विधियाँ
प्रासंगिक
अंतर्बोध
परीक्षण
(T.A.T.)
बाल अंतर्बोध
परीक्षण
(C.A.T.)
स्याही धब्बा परीक्षण (I.B.T.)
वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.)
14. व्यक्तितत्व मापन की प्रमुख अप्रक्षेपी
विधियाँ
अनुसूची
प्रश्नावली
साक्षात्कार
आत्मकथा विधि
व्यक्ति इतिहास विधि
निरीक्षण
समाजमिति
शारीरिक परीक्षण
स्वप्न विश्लेषण
मानदंड मूल्यांकन विधि
स्वंतत्र साहचर्य परीक्षण (F.W.A.T.)
15. बुद्धि के सिद्धांत और उनके प्रतिपादक –
एक खण्ड का /निरंकुशवादी सिद्धांत (1911) –
बिने, टरमन व स्टर्न
द्वि खण्ड का सिद्धांत (1904) – स्पीयरमैन
तीन खण्ड का सिद्धांत – स्पीयरमैन
बहु खण्ड का सिद्धांत – थार्नडाईक
समूह कारक सिद्धांत – थर्स्टन व कैली
16. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने का सूत्र –
बुद्धि लब्धि (I.Q.) = मानसिक आयु (M.A.)/
वास्तविक आयु (C.A.)×100
17. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का
प्रतिपादक – विलियम स्टर्न (1912)
18. बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का
सर्वप्रथम प्रयोग – (1916)
19. बुद्धि लब्धि (Intelligent Quotient) शब्द का
सर्वप्रथम प्रयोग – टरमन
20. मानसिक आयु (Mental Age) शब्द का
सर्वप्रथम प्रयोग – बिने (1908)
21. वैयक्तिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/
परीक्षाएँ –
बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण – बिने & थियोडर
साइमन (1905,1908,1911)
स्टेनफोर्ड-बिने स्केल – स्टेनफोर्ड वि.वि. में
बिने द्वारा (1916,1937,1960)
22. वैयक्तिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/
परीक्षाएँ –
पोर्टियस भूल-भूलैया परीक्षण – एस. डी.
पोर्टियस (1924)
वैश्लर-वैल्यूब बुद्धि परीक्षण – डी. वैश्लवर
(1944,1955)
23. सामूहिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/
परीक्षाएँ –
आर्मी अल्फ़ा परीक्षण – आर्थर एस. ओटिस
(1917)
सेना सामान्य वर्गीकरण (A.G.C.T.) - (1945)
24. सामूहिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/
परीक्षाएँ –
आर्मी बीटा परीक्षण - आर्थर एस. ओटिस
(1919)
शिकागो क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण – 6 वर्ष
से वयस्कों की बुद्धि का मापन
25. ‘ हिन्दुस्तानी क्रिया परीक्षण’ - (1922) सी.
एच. राईस
शिक्षा मनोविज्ञान नोट्स
1)मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स
2)आधुनिक मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स
3)प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम जेम्स
4)आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा= विलियम जेम्स
5)शिक्षा मनोविज्ञान के जनक= थार्नडाइक
6)प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत= थार्नडाइक
7)प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत= थार्नडाइक
8)संयोजनवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक
9)उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत= थार्नडाइक
10) S-R थ्योरी के जन्मदाता= थार्नडाइक
11)अधिगम का बन्ध सिद्धांत= थार्नडाइक
12) संबंधवाद का सिद्धांत= थार्नडाइक
13) प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत= थार्नडाइक
14)बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत= थार्नडाइक
15)बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= बिने एवं साइमन
16) बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता= बिने
17) एक खंड बुद्धि का सिद्धांत= बिने
18) दो खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन
19) तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत= स्पीयरमैन
20)सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक= स्पीयरमैन
21) बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत= स्पीयरमैन
22) त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत= गिलफोर्ड
23)बुद्धि संरचना का सिद्धांत= गिलफोर्ड
24) समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत= थर्स्टन
25) युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन
26) क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन
27) समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक= थर्स्टन व चेव
28)न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत= थॉमसन
29) पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत= बर्ट एवं वर्नन
30) तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत= आर. बी. केटल
31) प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आर. बी. केटल
32) बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत= हैब
33) बुद्धि इकाई का सिद्धांत= स्टर्न एवं जॉनसन
34)बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक= विलियम स्टर्न
35) संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक= विलियम वुण्ट
36) प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक= विलियम वुण्ट
37) विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक= जीन पियाजे
38)संज्ञानात्मकविकास का सिद्धांत= जीन पियाजे
39) मूलप्रवृत्तियोंके सिद्धांत के जन्मदाता= विलियम मैक्डूगल
40)हार्मिक का सिध्दान्त= विलियम मैक्डूगल
41) मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान= पोंपोलॉजी
42) क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर
43)सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त= स्किनर
44) अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव
45) संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव
46) शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव
47)प्रतिस्थापक का सिद्धांत= इवान पेट्रोविच पावलव
48) प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत= सी. एल. हल
49) व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत= सी. एल. हल
50)सबलीकरण का सिद्धांत= सी. एल. हल
51) संपोषक का सिद्धांत= सी. एल. हल
52) चालक /अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत= सी. एल. हल
53) अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त= कोहलर
54) सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का
55)गेस्टाल्टवाद सम्प्रदाय के जनक= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का
56) क्षेत्रीय सिद्धांत= लेविन
57) तलरूप का सिद्धांत= लेविन
58) समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक= लेविन
59)सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत= गुथरी
60) साईन(चिह्न) का सिद्धांत= टॉलमैन
61> सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक= टॉलमैन
62> अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक= डेविड आसुबेल
63> भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक= व्हार्फ
64> मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक= जोहन बी. वाटसन
65> अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक= क्लार्क
66> सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक= अल्बर्ट बाण्डूरा
67> पुनरावृत्ति का सिद्धांत= स्टेनले हॉल
68> अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक= गेने
69> विकास के सामाजिक प्रवर्तक= एरिक्सन
70> प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत= जान ड्यूवी
71> अधिगम मनोविज्ञान का जनक= एविग हास
72> अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक= जेरोम ब्रूनर
73> संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत= जेरोम ब्रूनर
74> सामान्यीकरण का सिद्धांत= सी. एच. जड
75> शक्ति मनोविज्ञान का जनक= वॉल्फ
76> अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत= बगले
77> भाषा विकास का सिद्धांत= चोमस्की
78> माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो)
79> स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो)
80> आत्मज्ञान का सिद्धांत= मैस्लो (मास्लो)
81> उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत= डेविड सी.मेक्लिएंड
82> प्रोत्साहन का सिद्धांत= बोल्स व काफमैन
83> शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक= आलपोर्ट
84> व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत= हेनरी मुरे
85> कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मोर्गन व मुरे
86> प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधिकेप्रतिपादक = मोर्गन व मुरे87> बाल -अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक= लियोपोल्ड बैलक
88> रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधिकेप्रतिपादक = हरमन रोर्शा
89> वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) विधि के प्रतिपादक= पाईन व टेंडलर
90> व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक= मे एवं हार्टशार्न
91> किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक= फ्रोबेल
92> खेल प्रणाली के जन्मदाता= फ्रोबेल
93> मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता= सिगमंड फ्रायड
94> स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक= सिगमंड फ्रायड
95> प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक= विलियम हेनरी क्लिपेट्रि
96> मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक= एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक
97> डाल्टन विधि की प्रतिपादक= मिस हेलेन पार्कहर्स्ट
98> मांटेसरी विधि की प्रतिपादक= मेडम मारिया मांटेसरी
99> डेक्रोली विधि के प्रतिपादक= ओविड डेक्रोली
100> विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक= कार्लटन वाशबर्न
101>ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक= एच. ई. आर्मस्ट्रांग
102> समाजमिति विधि के प्रतिपादक= जे. एल. मोरेनो
103> योग निर्धारण विधि के प्रतिपादक= लिकर्ट
104> स्केलोग्राम विधि के प्रतिपादक= गटमैन
105> विभेद शाब्दिक विधि के प्रतिपादक= आसगुड
106> स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक= फ़्रांसिस गाल्टन
107> स्टेनफोर्ड- बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक= टरमन
108> पोरटियस भूल-भुलैया परीक्षण के प्रतिपादक= एस.डी. पोरटियस
109> वेश्लर-वेल्यूब बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक= डी.वेश्लवर
110> आर्मी अल्फा परीक्षण के प्रतिपादक= आर्थर एस. ओटिस
111> आर्मी बिटा परीक्षण के प्रतिपादक= आर्थर एस. ओटिस
112> हिन्दुस्तानी बिने क्रिया परीक्षण के प्रतिपादक= सी.एच.राइस
113> प्राथमिक वर्गीकरण परीक्षण के प्रतिपादक= जे. मनरो
114> बाल अपराध विज्ञान का जनक= सीजर लोम्ब्रसो
115> वंश सुत्र के नियम के प्रतिपादक= मैंडल
116> ब्रेल लिपि के प्रतिपादक= लुई ब्रेल
117> साहचर्य सिद्धांत के प्रतिपादक= एलेक्जेंडर बैन
118> “सीखने के लिए सीखना” सिद्धांत के प्रतिपादक= हर्लो
119> शरीर रचना का सिद्धांत= शैल्डन
120>व्यक्तित्व मापन के जीव सिद्धांत के प्रतिपादक-गोल्डस्टीन।
: प्रतिपादक
=> मनोविज्ञान के जनक
= विलियम जेम्स
=> आधुनिक मनोविज्ञान के जनक
= विलियम जेम्स
=> प्रकार्यवाद साम्प्रदाय के जनक
= विलियम जेम्स
=> आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा
= विलियम जेम्स
=> शिक्षा मनोविज्ञान के जनक
= थार्नडाइक
=> प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत
= थार्नडाइक
=> प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत
= थार्नडाइक
=> संयोजनवाद का सिद्धांत
= थार्नडाइक
=> उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत
= थार्नडाइक
=> S-R थ्योरी के जन्मदाता
= थार्नडाइक
=> अधिगम का बन्ध सिद्धांत
= थार्नडाइक
=> संबंधवाद का सिद्धांत
= थार्नडाइक
=> प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत
= थार्नडाइक
=> बहु खंड बुद्धि का सिद्धांत
= थार्नडाइक
=> बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक
= बिने एवं साइमन
=> बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता
= बिने
=> एक खंड बुद्धि का सिद्धांत
= बिने
=> दो खंड बुद्धि का सिद्धांत
= स्पीयरमैन
=> तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत
= स्पीयरमैन
=> सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक
= स्पीयरमैन
=> बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत
= स्पीयरमैन
=> त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत
= गिलफोर्ड
=> बुद्धि संरचना का सिद्धांत
= गिलफोर्ड
=> समूह खंड बुद्धि का सिद्धांत
= थर्स्टन
=> युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक
= थर्स्टन
=> क्रमबद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक
= थर्स्टन
=> समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक
= थर्स्टन व चेव
=> न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत
= थॉमसन
=> पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत
= बर्ट एवं वर्नन
=> तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत
= आर. बी. केटल
=> प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक
= आर. बी. केटल
=> बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत
= हैब
=> बुद्धि इकाई का सिद्धांत
= स्टर्न एवं जॉनसन
=> बुद्धि लब्धि ज्ञात करने के सुत्र के प्रतिपादक
= विलियम स्टर्न
=> संरचनावाद साम्प्रदाय के जनक
= विलियम वुण्ट
=> प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक
= विलियम वुण्ट
=> विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक
= जीन पियाजे
=> संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत
= जीन पियाजे
=> मूलप्रवृत्तियों के सिद्धांत के जन्मदाता
= विलियम मैक्डूगल
=> हार्मिक का सिध्दान्त
= विलियम मैक्डूगल
=> मनोविज्ञान को मन मस्तिष्क का विज्ञान
= पोंपोलॉजी
=> क्रिया प्रसूत अनुबंधन का सिध्दान्त
= स्किनर
=> सक्रिय अनुबंधन का सिध्दान्त
= स्किनर
=> अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत
= इवान पेट्रोविच पावलव
=> संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत
= इवान पेट्रोविच पावलव
=> शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत
= इवान पेट्रोविच पावलव
=> प्रतिस्थापक का सिद्धांत
= इवान पेट्रोविच पावलव
=> प्रबलन(पुनर्बलन) का सिद्धांत
= सी. एल. हल
=> व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत
= सी. एल. हल
=> सबलीकरण का सिद्धांत
= सी. एल. हल
=> संपोषक का सिद्धांत
= सी. एल. हल
=> चालक / अंतर्नोद(प्रणोद) का सिद्धांत
= सी. एल. हल
=> अधिगम का सूक्ष्म सिद्धान्त
= कोहलर
=> सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धांत
= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का
=> गेस्टाल्टवाद सम्प्रदाय के जनक
= कोहलर, वर्दीमर, कोफ्का
=> क्षेत्रीय सिद्धांत
= लेविन
=> तलरूप का सिद्धांत
= लेविन
=> समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक
= लेविन
=> सामीप्य संबंधवाद का सिद्धांत
= गुथरी
=> साईन(चिह्न) का सिद्धांत
= टॉलमैन
=> सम्भावना सिद्धांत के प्रतिपादक
= टॉलमैन
=> अग्रिम संगठक प्रतिमान के प्रतिपादक
= डेविड आसुबेल
=> भाषायी सापेक्षता प्राक्कल्पना के प्रतिपादक
= व्हार्फ
=> मनोविज्ञान के व्यवहारवादी सम्प्रदाय के जनक
= जोहन बी. वाटसन
=> अधिगम या व्यव्हार सिद्धांत के प्रतिपादक
= क्लार्क
=> सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक
= अल्बर्ट बाण्डूरा
=> पुनरावृत्ति का सिद्धांत
= स्टेनले हॉल
=> अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक
= गेने
=> विकास के सामाजिक प्रवर्तक
= एरिक्सन
=> प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सीखना का सिद्धांत
= जान ड्यूवी
=> अधिगम मनोविज्ञान का जनक
= एविग हास
=> अधिगम अवस्थाओं के प्रतिपादक
= जेरोम ब्रूनर
=> संरचनात्मक अधिगम का सिद्धांत
= जेरोम ब्रूनर
=> सामान्यीकरण का सिद्धांत
= सी. एच. जड
=> शक्ति मनोविज्ञान का जनक
= वॉल्फ
=> अधिगम अंतरण का मूल्यों के अभिज्ञान का सिद्धांत
= बगले
=> भाषा विकास का सिद्धांत
= चोमस्की
=> माँग-पूर्ति(आवश्यकता पदानुक्रम) का सिद्धांत
= मैस्लो (मास्लो)
=> स्व-यथार्थीकरण अभिप्रेरणा का सिद्धांत
= मैस्लो (मास्लो)
=> आत्मज्ञान का सिद्धांत
= मैस्लो (मास्लो)
=> उपलब्धि अभिप्रेरणा का सिद्धांत
= डेविड सी.मेक्लिएंड
=> प्रोत्साहन का सिद्धांत
= बोल्स व काफमैन
=> शील गुण(विशेषक) सिद्धांत के प्रतिपादक
= आलपोर्ट
=> व्यक्तित्व मापन का माँग का सिद्धांत
= हेनरी मुरे
=> कथानक बोध परीक्षण विधि के प्रतिपादक
= मोर्गन व मुरे
=> प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (T.A.T.) विधि के
प्रतिपादक = मोर्गन व मुरे
=> बाल -अन्तर्बोध परीक्षण (C.A.T.) विधि के प्रतिपादक
= लियोपोल्ड बैलक
=> रोर्शा स्याही ध्ब्बा परीक्षण (I.B.T.) विधि के
प्रतिपादक = हरमन रोर्शा
=> वाक्य पूर्ति परीक्षण (S.C.T.) विधि के प्रतिपादक
= पाईन व टेंडलर
=> व्यवहार परीक्षण विधि के प्रतिपादक
= मे एवं हार्टशार्न
=> किंडरगार्टन(बालोद्यान ) विधि के प्रतिपादक
= फ्रोबेल
=> खेल प्रणाली के जन्मदाता
= फ्रोबेल
=> मनोविश्लेषण विधि के जन्मदाता
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=> स्वप्न विश्लेषण विधि के प्रतिपादक
= सिगमंड फ्रायड
=> प्रोजेक्ट विधि के प्रतिपादक
= विलियम हेनरी क्लिपेट्रिक
=> मापनी भेदक विधि के प्रतिपादक
= एडवर्ड्स व क्लिपेट्रिक
=> डाल्टन विधि की प्रतिपादक
= मिस हेलेन पार्कहर्स्ट
=> मांटेसरी विधि की प्रतिपादक
= मेडम मारिया मांटेसरी
=> डेक्रोली विधि के प्रतिपादक
= ओविड डेक्रोली
=> विनेटिका(इकाई) विधि के प्रतिपादक
= कार्लटन वाशबर्न
=> ह्यूरिस्टिक विधि के प्रतिपादक
= एच. ई. आर्मस्ट्रांग
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=> योग निर्धारण विधि के प्रतिपादक
= लिकर्ट
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=> विभेद शाब्दिक विधि के प्रतिपादक
= आसगुड
=> स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण विधि के प्रतिपादक
= फ़्रांसिस गाल्टन
=> स्टेनफोर्ड- बिने स्केल परीक्षण के प्रतिपादक
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=> आर्मी अल्फा परीक्षण के प्रतिपादक
= आर्थर एस. ओटिस
=> आर्मी बिटा परीक्षण के प्रतिपादक
= आर्थर एस. ओटिस
=> हिन्दुस्तानी बिने क्रिया परीक्षण के प्रतिपादक
= सी.एच.राइस
=> प्राथमिक वर्गीकरण परीक्षण के प्रतिपादक
= जे. मनरो
=> बाल अपराध विज्ञान का जनक
= सीजर लोम्ब्रसो
=> वंश सुत्र के नियम के प्रतिपादक
= मैंडल
=> ब्रेल लिपि के प्रतिपादक
= लुई ब्रेल
=> साहचर्य सिद्धांत के प्रतिपादक
= एलेक्जेंडर बैन
=> “सीखने के लिए सीखना” सिद्धांत के प्रतिपादक
= हर्लो
=> शरीर रचना का सिद्धांत
= शैल्डन
=> व्यक्तित्व मापन के जीव सिद्धांत के प्रतिपादक
= गोल्डस्टीन
: शिक्षा मनोविज्ञान भाग- 1 याद करने की (TRICK)
†******************LG*********
*********†
शिक्षा मनोविज्ञान (Educational Psychology) :"मनोविज्ञान सीखने से सम्बंधित मानव विकास के 'कैसे सीखा जाए' की व्याख्या करती है, शिक्षा सीखने के 'क्या सिखा जाए' को प्रदान करने की चेष्टा करती है।"
-क्रो व क्रो
मनोविज्ञान मानव व्यवहार का अध्ययन करता है और शिक्षा मानव व्यवहार में परिवर्तन करती है, अतः शिक्षा और मनोविज्ञान में गहन सम्बन्ध है।
शिक्षा क्या है?
शिक्षा शब्द संस्कृत के 'शिक्ष्' धातु से बना है, जिसका अर्थ है :
सीखना अंग्रेजी शब्द एजुकेशन (Education) लैटिन भाषा के एडुकेयर (Educare) एवं एडुसीयर (Educere) से बना है, जिसका अर्थ है 'नेतृत्व देना, बाहर लाना'
TRICK : MEL (Motivation & Education both are origin from Latin word)
भारतीय मनीषियों ने 'सा विद्या या विमुक्तये' कहकर शिक्षा को मुक्ति का साधन माना है। गाँधीजी ने शिक्षा सर्वांगीण विकास (आत्मा, शरीर और मस्तिष्क के विकास) की प्रक्रिया माना है।
शिक्षा बालक में अन्तर्निहित शक्तियों को उभारकर उन्हें पूर्ण विकसित करती है।
शिक्षा का अर्थ :
(A). संकुचित सन्दर्भ में (प्राचीन दृष्टिकोण) :
1. 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध (1879) तक
2. औपचारिक शिक्षा (किताबी ज्ञान)
3. शिक्षा विद्यालय तक सीमित
4. ज्ञानात्मक पक्ष पर बल
5. सैद्धान्तिक पक्ष पर बल
(B). व्यापक सन्दर्भ में (नवीन दृष्टिकोण) :
1. 1879 से अब तक (20वीं सदी)
2. अनौपचारिक शिक्षा
3. शिक्षा जीवन पर्यन्त
4. सर्वांगीण विकास पर बल
5. व्यावहारिक पक्ष पर बल
मनोविज्ञान क्या है?
मनोविज्ञान के अंग्रेजी पर्याय साइकोलॉजी (Psychology) शब्द की उत्पत्ति यूनानी (ग्रीक) भाषा केसाइकी (Psyche) और लोगस (Logos) से हुई है।साइकी का अर्थ है 'आत्मा' और लोगस का अर्थ है 'अध्ययन'। अतः मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है 'आत्मा का अध्ययन'।
अमरीकी विद्वान विलियम जेम्स (1842-1910) ने मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र के शिकंजे से मुक्त कर एक स्वतंत्र विद्या का रूप दिया। इसलिए इन्हे मनोविज्ञान का जनकमाना जाता है।
मनोविज्ञान की उत्पत्ति दर्शनशास्त्र के अंग के रूप में हुई। कालान्तर में मनोविज्ञान के अर्थ में परिवर्तन होता गया। जो इस प्रकार है :
1. आत्मा का विज्ञान : अरस्तू, प्लेटो, अरिस्टोटल औरडेकोर्टे आदि यूनानी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना, किन्तु आत्मा की प्रकृति की अस्पष्टता के कारण 16वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का यह अर्थ अस्वीकृत कर दिया गया।
TRICK-"आत्मा से आप यू अड़े"
1. आत्मा से-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान माना
2. आ-अरस्तू (दार्शनिक)
3. प-प्लेटो (दार्शनिक)
4. यू-यूनानी दार्शनिक थे सभी
5. अ-अरिस्टोटल (दार्शनिक)
6. डे-डेकार्टे (दार्शनिक)
2. मस्तिष्क का विज्ञान : 17वीं शताब्दी में दर्शनीको ने मनोविज्ञान को मन या मस्तिष्क का विज्ञान कहा। इनमे इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक पॉम्पोनॉजी के अलावा लॉक और बर्कली भी प्रमुख है। कोई भी विद्वान मन की प्रकृति तथा स्वरुप का निर्धारण नही कर सका, अतः यह परिभाषा भी मान्यता नही पा सकी।
TRICK-"पलक की बाई मस्ति में"
1. प-पॉम्पोनॉजी (दार्शनिक)
2. लक-लॉक (दार्शनिक)
की-silent
3. बा-बर्कली (दार्शनिक)
4. इटली-यह इटली के प्रसिद्ध दार्शनिक थे
5. मस्ति-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को मस्तिष्क का विज्ञान माना
3. चेतना का विज्ञान : 19वीं शताब्दी के मनोविज्ञानकोंविलियम वुन्ट, विलियम जेम्स, वाइव्स और जेम्स सल्लीआदि ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना। इनका मानना था, कि मनोविज्ञान मनुष्य की चेतन क्रियाओ का अध्ययन करता है।
मनोविज्ञान केवल चेतन मन का ही नही, बल्कि अचेतन और अवचेतन आदि प्रक्रियाओ का अध्ययन भी करता है। मनोविज्ञान का यह अर्थ सीमित होने के कारण सर्वमान्य न हो सका। मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक 'आउटलाइन साइकोलॉजी' में चेतना शब्द की कड़ी आलोचना की।
TRICK-"चेतना को विलियम ने सजवाइ"
1. चेतना-इन सभी दार्शनिको ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान माना
को-silent
2. विलियम-विलियम वुन्ट
ने-silent
3. स-सल्ली अर्थात जेम्स सल्ली (दार्शनिक)
4. ज-जेम्स अर्थात विलियम जेम्स (दार्शनिक)
5. वाइ-वाइव्स (दार्शनिक)
4. व्यवहार का विज्ञान : 20वीं शताब्दी के प्रारम्भिक दौर में मनोविज्ञान के अनेक अर्थ सुझाए गए, इनमे से "मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है।" अर्थ सर्वाधिक मान्य रहा। इस सम्बन्ध में कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित है :
1. वाटसन : मनोविज्ञान, व्यवहार का निश्चित विज्ञान है।
2. वुडवर्थ : मनोविज्ञान वातावरण के सम्बन्ध में व्यक्ति की क्रियाओ का वैज्ञानिक अध्ययन है।
3. स्किनर : मनोविज्ञान, जीवन की सभी प्रकार की परिस्थितियों में प्राणी की प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। or
मनोविज्ञान, व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है।
4. मन : आधुनिक मनोविज्ञान का सम्बन्ध व्यवहार की वैज्ञानिक खोज से है।
5. क्रो व क्रो : मनोविज्ञान मानव व्यवहार और मानव सम्बन्धो का अध्ययन है।
6. मैक्डूगल : मनोविज्ञान जीवित वस्तुओ के व्यवहार का विधायक विज्ञान है।
उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर हम वुडवर्थ के शब्दों में इस निष्कर्ष पर पहुँचते है :
"सबसे पहले मनोविज्ञान ने अपनी आत्मा का त्याग किया। फिर उसने अपने मन या मस्तिष्क का त्याग किया। उसके बाद उसने चेतना का त्याग किया। अब वह व्यवहार की विधि को स्वीकार करता है।"
TRICK-सिवम (शिवम) व्यवहार में वुड (लकड़ी/wood सा कठौर) के जैसा"
1. सि-स्किनर (दार्शनिक)
2. व-वाटसन (दार्शनिक)
3. म-मन (दार्शनिक)
4. व्यवहार-इन सभी ने मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञान माना
5. में-मैक्डूगल (दार्शनिक)
6. वुड-वुडवर्थ (दार्शनिक)
7. के-क्रो व क्रो (दार्शनिक)
जैसा-silent
शिक्षा मनोविज्ञान भाग-II
शिक्षा मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ है :
शिक्षा सम्बन्धी मनोविज्ञान अर्थात यह शिक्षा की प्रक्रिया में मानव व्यवहार का अध्ययन करने वाला विज्ञान है। शिक्षा मनोविज्ञान के अर्थ का विश्लेषण करने के लिए स्किनर ने निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किए है :
1. शिक्षा मनोविज्ञान का केंद्र मानव व्यवहार है।
2. शिक्षा मनोविज्ञान खोज और निरिक्षण से प्राप्त तथ्यों का संग्रह करता है।
3. शिक्षा मनोविज्ञान संगृहीत ज्ञान को सिद्धान्त रूप देता है।
4. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षा की समस्याओ के समाधान के लिए पद्धतियों का प्रतिपादन करता है।
शिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषाएँ :
1. स्किनर : शिक्षा मनोविज्ञान के अंतर्गत शिक्षा से सम्बन्धित सम्पूर्ण व्यवहार और व्यक्तित्व आ जाता है।
2. क्रो व क्रो : शिक्षा मनोविज्ञान, व्यक्ति के जन्म से वृद्धावस्था तक सिखाने के अनुभवों का वर्णन और व्याख्या करता है।
3. कॉलसनिक : शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान के सिद्धान्तों और अनुसन्धान का शिक्षा में प्रयोग है।
4. स्टीफन : शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक विकास का क्रमिक अध्ययन है।
5. सॉरे व टेलफ़ोर्ड : शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सिखने से है। यह मनोविज्ञान का वह अंग है, जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पहलुओ की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से सम्बन्धित है।
उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है, की :
1. शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक परिस्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है।
2. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को अधिक सरल व सुगम बनाता है।
3. शिक्षा मनोविज्ञान की प्रकृति वैज्ञानिक है, क्योंकि इसके अध्ययन में वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग होता है।
4. शिक्षा मनोविज्ञान में मनोविज्ञान के सिद्धांतो व विधियों का प्रयोग होता है।
शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्य :
स्किनर ने शिक्षा मनोविज्ञान के उद्देश्यों को दो भागो में विभाजित किया है-
1. सामान्य उद्देश्य :
(i). सिद्धांतो की खोज तथा तथ्यों का संग्रह करना।
(ii). बालक के व्यक्तित्व का विकास करना ।